महक उठी है फ़ज़ा पैरहन की ख़ुशबू से, चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है |
|चाँद से रोशन हो रमजान तुम्हारा, इबादत से भरा हो रोज़ा तुम्हारा, हर रोज़ा और नमाज़ कबूल हो तुम्हारी, यही अल्लाह से है दुआ हमारी |
नज़र का चैन दिल का सरूर होते हैं, कुछ ऐसे लोग जहाँ में जरूर होते हैं, सदा चमकता रहे ये ईद का तयौहार, करीब रह के भी हम से जो दूर होते हैं |
कुछ अच्छा करना चाहता हूँ, दूसरों का भला करना चाहता हूँ, इस ईद पर आपसे मिलकर, ईद मुबारक कहना चाहता हूँ |
रमजान में ना मिल सके, ईद में नज़रें ही मिला लूं, हाथ मिलाने से क्या होगा, सीधा गले से लगा लूं, ईद मुबारक |